Archimedes Principle and Law of Flotation | आर्किमिडीज सिद्धांत एवं प्लवन का नियम
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Archimedes Principle and Law of Flotation | आर्किमिडीज सिद्धांत एवं प्लवन का नियम
आर्किमिडीज कौन थे
इन्होंने जलस्थैतिकी, सांख्यिकी और उत्तोलक से संबंधित अनेक सिद्धांत प्रस्तुत किए !
सोने के मुकुट का किस्सा
आर्किमीडीज के जीवन का सोने के मुकुट का किस्सा बहुत प्रसिद्ध है जिसमें एक राजा के द्वारा इनको कहा गया की सोने द्वारा निर्मित इस मुकुट में मिलावट कितनी है इसी को लेकर आर्किमीडीज द्वारा द्रव में वस्तु का घनत्व, द्रव का घनत्व, वस्तु के भार में कमी एवं जल के आयतन जैसे तथ्यों को समझने में मदद मिली एवं एक विश्व व्यापक सिद्धांत दिया जो आर्किमिडीज का सिद्धांत के नाम से जाना जाता है !
आर्किमीडीज का सिद्धांत
जब कोई वस्तु किसी द्रव में डुबोई या डाली जाती है तो उसके भार में आभासी कमी होती है उसके भार में यह आभासी कमी वस्तु द्वारा हटाए गए द्रव के भार के बराबर होती है !
⇨ उपर्युक्त सभी आर्किमिडीज के सिद्धांत पर कार्य करते हैं !
आर्किमीडीज के सिद्धांत के अनुसार –
⇨ किसी ठोस का आपेक्षिक घनत्व = किसी ठोस का वायु में भार / द्रव में ठोस के भार में कमी
⇨ किसी द्रव का आपेक्षिक घनत्व = द्रव में ठोस के भार में कमी / जल में ठोस के भार में कमी
⇨ घनत्व ज्ञात करने का सूत्र = द्रव्यमान / आयतन
⇨ आपेक्षिक घनत्व ज्ञात करने का सूत्र = वस्तु का घनत्व / जल का घनत्व
⇨ आपेक्षिक घनत्व का मात्रक = नहीं होता !
धातु एवं अधातु से संबंधित विस्तृत पोस्ट देखें
उत्प्लावन बल
किसी द्रव या गैस में आंशिक या पूर्ण रूप से डूबी हुई वस्तु पर द्रव द्वारा ऊपर की ओर एक बल लगता है जिसे उत्प्लावन बल या उत्क्षेप बल कहा जाता है !
⇨ उत्प्लावन बल = विस्थापित द्रव का भार
⇨ उत्प्लावन बल की दिशा हमेशा ऊपर की ओर होती है
⇨ उत्प्लावकता द्रव एवं गैसों का गुण हैं
आपेक्षिक घनत्व क्या है
किसी भी पदार्थ का घनत्व व शुद्ध जल का 4 डिग्री सेल्सियस घनत्व का अनुपात आपेक्षिक घनत्व कहलाता है ! 4 डिग्री सेल्सियस पर जल का घनत्व – 1000 किग्रा /m^3 होता है !
प्लवन (तैरने) का नियम
जब वस्तु किसी द्रव में तैरती है तो उसका भार उसके द्वारा हटाए गए द्रव के भार के बराबर होता है व वस्तु का गुरुत्व केंद्र तथा हटाए गए द्रव का गुरुत्व केंद्र दोनों एक ही ऊर्ध्वाधर रेखा में होते हैं !
जब कोई वस्तु किसी द्रव में डुबोई जाती है तो उस पर दो प्रकार के बल कार्य करते हैं –
1. वस्तु का भार जो नीचे की ओर लगता है !
2. द्रव का उत्पलावन बल जो ऊपर की ओर लगता है !
उपर्युक्त नियम के अनुसार प्लवन या तैरने की शर्ते निम्न हो सकती हैं –
1. जब वस्तु का घनत्व, पानी के घनत्व से ज्यादा हो तो वस्तु द्रव में डूब जाएगी !
2. जब वस्तु का घनत्व, पानी के घनत्व से कम हो तो वस्तु पानी के ऊपर तैरेगी !
3. जब वस्तु का घनत्व, उसके द्वारा हटाए गए पानी के घनत्व के बराबर हो तो वह वस्तु पानी की सतह के नीचे तैरेगी !
बर्फ का पानी में तैरना
बर्फ का घनत्व 0.9 ग्राम / सेमी ^3 होता है एवं शुद्ध जल का घनत्व 1 ग्राम / सेमी ^3 होता है ! यहाँ पर बर्फ का घनत्व पानी के घनत्व से कम है इसलिए बर्फ पानी पर तैरेगी !
जब बर्फ पानी पर तैरती है तो बर्फ के आयतन का 1/10 भाग पानी के ऊपर रहता है !
नोट – किसी पानी भरे बर्तन में बर्फ तैर रही है अगर वह बर्फ पूरी तरह पिघल जाएगी तो बर्तन में पानी का स्तर वैसे ही बना रहेगा !
आर्किमिडीज सिद्धांत का दैनिक अनुप्रयोग
⇨ जब हम किसी पानी के टैंक में बाल्टी डालते हैं वह बाल्टी पूरी तरह पानी में डूबी हुई होगी तब हमें बाल्टी को खीचने में कम बल लगाना पड़ेगा और जब बाल्टी पानी से बाहर आएगी तो ज्यादा बल लगाना पड़ता है !
⇨ स्विमिंग पूल की अपेक्षा समुद्र के पानी में तैरना आसान होता है क्योंकि समुद्र के पानी का घनत्व स्विमिंग पूल के पानी के घनत्व से अधिक होता है इसलिए समुद्र के पानी में उत्प्लावन बल ज्यादा होने के कारण तैरना आसान होता है !
⇨ लौहे के जहाज का पानी पर तैरता है क्योंकि जहाज की बनावट इस तरह से होती है कि जहाज द्वारा हटाए गए द्रव का भार जहाज के भार से अधिक होता है जिसके कारण जहाज पर एक उत्प्लावन बल लगता है जिससे जहाज पानी में नहीं डूबता है !
⇨ लोहे की सूई का पानी में डूब जाती है क्योंकि सूई द्वारा हटाए गए पानी का भार सूई के भार से कम होता है !