Human Brain | Brain Anatomy in hindi

Human Brain | Brain Anatomy in Hindi

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Human Brain | Brain Anatomy – मानव मस्तिष्क संरचना एवं कार्य ! इस पोस्ट में बायोलॉजी के महत्वपूर्ण टॉपिक Human Brain (मस्तिष्क संरचना एवं कार्य) के बारे में आसान भाषा में विस्तार से बताया गया है !

आप एक बार इस पूरी पोस्ट को ध्यानपूर्वक पढ़े ! मस्तिष्क की संरचना एवं कार्य टॉपिक से कोई भी प्रश्न प्रतियोगी परीक्षा में आपका गलत नहीं होगा !

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Brain Anatomy | मानव मस्तिष्क संरचना

 

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अंत: स्रावी ग्रंथियाँ एवं हार्मोन

तंत्रिका तंत्र (Nervous System) संक्षिप्त

मानव तंत्रिका तंत्र एक एक ऐसा यंत्र है जो शरीर के विभिन्न अंगों के कार्यों को नियंत्रित एवं कार्यों में सामजस्य तथा संतुलन स्थापित करने का का कार्य करता है !
तंत्रिका तंत्र विभिन्न अंगों की भिन्न – भिन्न क्रियाओं को संचालित एवं नियंत्रित करने का कार्य करता है
यह मनुष्य को बाहरी वातावरण के अनुसार प्रतिक्रिया करने में मदद करता है !
यह मानसिक कार्यों का नियंत्रण करने का कार्य करता है !
यह सूचनाओं को शरीर के विभिन्न अंगों से लेकर मस्तिष्क एवं मेरुरज्जु तक लाने एवं पुन: मस्तिष्क एवं मेरुरज्जु तक ले जाने का कार्य करता है !

तंत्रिका तंत्र के भाग

तंत्रिका तंत्र को मुख्य रूप से दो भागों में विभक्त किया गया है –
1. केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र (Central nervous system)
2. परिधीय तंत्रिका तंत्र (Peripheral nervous system)

केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र

तंत्रिका तंत्र का वह भाग जो सम्पूर्ण शरीर तथा स्वयं तंत्रिका तंत्र पर नियंत्रण रखता है !
मस्तिष्क, मेरुरज्जु तथा उनसे निकलने वाली तंत्रिकाएं मिलकर केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र का निर्माण करते हैं !
मानव मस्तिष्क, तंत्रिका तंत्र के भाग केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र के अंतर्गत आता है !

नोट :- इस पोस्ट में मस्तिष्क की संरचना एवं कार्य Detail में पढ़ेंगे …
मानव मस्तिष्क से संबंधित Only MCQ

मस्तिष्क के कार्य

मानव मस्तिष्क शरीर का केन्द्रीय अंग है जो सूचनाओं के आदान प्रदान एवं नियंत्रण का कार्य करता है !
शरीर में होने वाले विभिन्न क्रिया कलाप जैसे – मानव व्यवहार, ऐच्छिक एवं अनैच्छिक कार्य,  रुधिर परिसंचरण, श्वसन, देखना, सुनना, सूंघना, सोना, उठना, चलना, नींद, बोलना , तापमान नियंत्रण, भूख, प्यास एवं ग्रंथियों के स्राव को नियंत्रित करता है !
मस्तिष्क सम्पूर्ण शरीर का नियंत्रण कक्ष है !

मस्तिष्क की संरचना

मानव शरीर का सर्वाधिक जटिल अंग मस्तिष्क ही है !
मानव मस्तिष्क का औसत वजन 1400 ग्राम होता है !
मानव मस्तिष्क एक मजबूत ढांचे में सुरक्षित रहता है जिसे ‘क्रेनियम’ कहा जाता है !
क्रेनियम मस्तिष्क को बाहरी चोट या आघात से बचाता है !
मस्तिष्क चारों ओर से संयोजी उत्तक से बनी परतों से घिरा रहता है जिसे मेनिनजेज या मस्तिष्कावरण कहा जाता है !
मेनिनजेज एवं मस्तिष्क के बीच एक सेरीब्रोस्पाइनल द्रव भरा रहता है जो मस्तिष्क को बाहरी आघातों से बचाता है !
मेनिनजेज आवरण तीन स्तरों का बना होता है जो निम्न हैं –

1. ड्यूरामेटर – यह मेनिनजेज की सबसे बाहरी परत होती है जो क्रेनियम से चिपकी रहती है ! यह सबसे दृढ़ (hard) परत है !
2. अरेकनॉयड – यह मध्य की परत होती है अर्थात यह ड्यूरामेटर व पायामेटर के बीच में पाई जाती है जो जालीनुमा होती है !
3. पायामेटर – यह अन्दर की मुलायम परत होती है जो सीधे मस्तिष्क उत्तकों के संपर्क में होती है !

मस्तिष्क को मुख्य रूप से तीन भागों में विभक्त किया गया है जो निम्न है –

1. अग्रमस्तिष्क (Forebrain)
2. मध्यमस्तिष्क (Midbrain)
3. पश्च मस्तिष्क (Hindbrain)

अग्रमस्तिष्क

प्रमस्तिष्क (Cerebrum), थैलेमस, हाइपोथैलेमस ये सब मिलकर अग्रमस्तिष्क का निर्माण करते हैं !
मुख्य रूप से अग्रमस्तिष्क को दो भागों में बाँटा गया है जो निम्न हैं –

1. प्रमस्तिष्क (Cerebrum)
2. डाइएनसिफेलॉन

1. प्रमस्तिष्क (Cerebrum)

सेरीब्रम एक गहरी दरार द्वारा दो लम्बवत भागों में विभाजित (बँटा) होता है जिसे दायाँ अर्द्ध गोला (Cerebral Hemisphere) एवं बायाँ अर्द्ध गोला कहा जाता है !
दोनों प्रमस्तिष्क गोलार्द्ध एक दूसरे से तंत्रिका उत्तकों से बनी एक रचना से जुड़े रहते हैं जिसे ‘कार्पस कैलोसम’ कहा जाता है !
प्रमस्तिष्क का बाहरी भाग ‘कॉर्टेक्स’ कहलाता है जो ग्रे मैटर (धूसर द्रव्य) का बना होता है !
ग्रे मैटर के अंदर अनेक तंत्रिकाएं पाई जाती है जिसके कारण इस द्रव्य का रंग धूसर दिखाई देता है !
धूसर द्रव्य के नीचे (अंदर की ओर) असंख्य मेड्यूलेटेड तंत्रिका तन्तु उपस्थित रहते हैं जो अपारदर्शी एवं सफेद रंग के होते हैं जिसे White Metter (श्वेत द्रव्य) भी कहा जाता है !
प्रत्येक प्रमस्तिष्क गोलार्द्ध चार लॉब (पालियों) में विभक्त होता है जिनके नाम एवं कार्य निम्न हैं –

1. फ्रन्टल – यह भाग जटिल विचारों, एवं चिंतनशीलता का निरीक्षण करता है !
ये बौद्धिक योग्यता पर नियंत्रण करता है !
2. पैराइटल – ये संवेदनाएं एवं सूचनाएं ग्रहण करता है तथा इन्हें व्यवस्थित करके मस्तिष्क के अन्य भागों तक संप्रेषित करता है !
3. टेम्पोरल – ध्वनि, गंध, याददाश्त, एवं भावनाओं को डीकोड करके अभिव्यक्त करता है !
4. ऑसीपिटल लॉब्स – दृष्टि से संबंधित सूचनाओं, आकार, व रंग को डीकोड करके अभिव्यक्त करता है !

प्रमस्तिष्क के कार्य 

प्रमस्तिष्क मानव मस्तिष्क का लगभग (दो तिहाई) 80 प्रतिशत भाग बनाता है
सेरेब्रम मानव मस्तिष्क का सबसे बड़ा भाग है !
प्रमस्तिष्क बुद्धि और चतुराई का केंद्र है !
किसी बात को सोचने, समझने की शक्ति, स्मरण शक्ति, किसी कार्य को करने की प्रेरणा, घृणा, प्रेम, भय एवं कष्ट के अनुभव जैसी क्रियाओं का नियंत्रण एवं समन्वय प्रमस्तिष्क द्वारा ही होता है !
जिन व्यक्तियों में प्रमस्तिष्क छोटा होता है वो मंद बुद्धि के होते हैं !

2. डाइएनसिफेलॉन

यह भी अग्रमस्तिष्क का ही भाग है जो प्रमस्तिष्क गोलार्द्ध के द्वारा ढका हुआ होता है !
डाइएनसिफेलॉन के अन्तर्गत दो प्रमुख भाग आते है जो निम्न हैं –
1. थैलेमस
2. हापोथैलेमस

1. थैलेमस – प्रमस्तिष्क चारों ओर से थैलेमस से घिरा हुआ होता है ! यह संवेदी और प्रेरक संकेतों का प्रमुख समन्वय केंद्र है !
2. हापोथैलेमस – यह थैलेमस के आधार पर स्थित होता है ! यह शरीर के तापमान, खाने-पीने की इच्छा, वृद्धि व लैंगिक व्यवहार को नियंत्रित करने का कार्य करता है !

मध्यमस्तिष्क (Midbrain)

मध्यमस्तिष्क स्टेम का ऊपरी भाग है !
यह मस्तिष्क के मध्य (हाइपोथैलेमस व पश्च मस्तिष्क के मध्य) में स्थित होता है !
पोन्स जो पश्च मस्तिष्क का भाग है उसके ऊपर मध्यमस्तिष्क स्थित होता है !
मध्य मस्तिष्क का ऊपरी भाग चार पिंडों या लॉब में बँटा हुआ होता है जिन्हें ‘कॉर्पोरा क्वाड्रीजेमिना’ कहा जाता है !
इनमें से ऊपरी दो पिंड दृष्टि के लिए होते हैं एवं निचले दो पिंड श्रवण के लिए उत्तरदायी हैं अर्थात दो पिंड आँख से एवं निचले दो पिंड कान से जुड़े हुए होते हैं !
मध्यमस्तिष्क के दो मुख्य भाग होते हैं जो निम्न हैं –

1. टेक्टम (Tectum) – मध्यमस्तिष्क के ऊपरी दो पिंडों को टेक्टम कहा जाता है जो देखने के लिए उत्तरदायी हैं !
2. टेगमेन्टम (Tegmentum) – मध्यमस्तिष्क नीचे के दो पिंडों को टेगमेन्टम कहा जाता है जो सुनने के लिए उत्तरदायी हैं !

मध्य मस्तिष्क के कार्य 

अपनी आँखों से देखने की क्रिया एवं आँखों को इधर-उधर घुमाना (Movement), किसी विशेष दिशा में देखना ये सब  क्रिया मध्यमस्तिष्क से ही हो पाती है !
हमें जो भी सुनाई देता है या हम जो सुन पा रहे हैं वो सब मध्यमस्तिष्क की नीचे वाले दो पिंडों की वजह से ही हो रहा है ! इनमें किसी प्रकार का डैमेज हो जाने से कान में सीटी की तरह आवाज आती है और हम सुन नहीं पाते हैं !

पश्च मस्तिष्क (Hindbrain)

यह मस्तिष्क का सबसे पिछला भाग है !
यह मस्तिष्क का अंतिम भाग है जो मेरुरज्जु से जुड़ा होता है !
पश्च मस्तिष्क तीन प्रमुख भागों से मिलकर बना है जो निम्न हैं –
1. अनुमस्तिष्क (Cerebellum),
2. पोन्स
3. मेड्यूला ओब्लांगेटा (मध्यांश भाग)

1. अनुमस्तिष्क

इसे मेटेनसिफेलॉन भी कहा जाता है !
अनुमस्तिष्क मस्तिष्क का दूसरा सबसे बड़ा भाग है !
अनुमस्तिष्क दो पार्श्व गोलार्द्ध में बँटा होता है इन दोनों गोलार्द्ध को जोड़ने वाला भाग ‘वर्मिश’ कहलाता है !
अनुमस्तिष्क एक विलगित (ऊपर-नीचे उभार) सतह वाला भाग है जो न्यूरॉन्स को अतिरिक्त स्थान प्रदान करता है !
अनुमस्तिष्क का बाहरी भाग भी प्रमस्तिष्क की तरह ही धूसर (ग्रे) रंग का होता है एवं अंदरूनी भाग श्वेत रंग का होता है !

अनुमस्तिष्क के कार्य 

इसका मुख्य कार्य शरीर का संतुलन बनाए रखना है !
यह एच्छिक क्रियाओं (चलना, दौड़ना, खाना) का नियंत्रण करता है !
यह पेशियों का संकुचन कर कंकाल व शरीर की स्थिति को नियंत्रित करता है !
समन्वय, संतुलन अर्थात शरीर की मुद्राओं को नियंत्रित करता है !

2. पोन्स

पोन्स मेड्यूला के ऊपर स्थित होता है !
ये रेशेनुमा पथ का बना होता है जो मस्तिष्क के विभिन्न भागों को आपस में जोड़ने का कार्य करता है !
ये श्वसन की क्रियाओं को नियंत्रित करने का कार्य करता है !
इसमें एक श्वासनानुशासन केंद्र होता है जो नि: श्वसन का कार्य करता है अर्थात सांस को छोड़ने का कार्य इस केंद्र का होता है !

3. मेड्यूला ऑब्लागेंटा

यह एक बेलनाकार रचना होती है जो पीछे की ओर स्पाइनल कार्ड या मेरुरज्जु के रूप में पाया जाता है !
इसमें अनैच्छिक क्रियाओं के नियंत्रण कक्ष स्थित होते हैं !
मेड्यूला में अनेक तंत्रिका केंद्र होते हैं जो हृदय स्पंदन, धड़कन, रक्त चाप, श्वसन एवं पाचक रसों का नियंत्रण करते हैं !
मेड्यूला में एक श्वसन क्रिया का केंद्र होता है जिसे श्वसन लयन केंद्र कहा जाता है ये श्वसन क्रिया के दौरान श्वास को अंदर की ओर लेने का कार्य करता है !
हृदय की धड़कन को बढ़ाने और घटाने का एक केंद्र मेड्यूला में पाया जाता है जिसे हृदय केंद्र (Cardiac Vascular Center) कहा जाता है !
छींकने एवं खाँसने (खांसी आना) के केंद्र भी मेड्यूला में बने होते हैं !
पाचन क्रियाओं के दौरान क्रमाकुंचन की गतिविधियों का केंद्र भी मेड्यूला के पास है !
वमन केंद्र (उल्टी करने का केंद्र) भी मेड्यूला के पास होता है !

धातु एवं अधातु Detail पोस्ट 

मैं सुनील सुथार ! मेरी वेबसाइट पर आप सभी का स्वागत है ! इस प्लेटफॉर्म से आपको सामान्य विज्ञान (Biology, Physics, Chemistry & Botany) से संबंधित टॉपिक वाइज स्टडी मैटीरियल प्राप्त होगा जो सभी प्रकार के Competition Exams लिए उपयोगी रहेगा !

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