Periodic table Questions | आवर्त सारिणी
Periodic table – आवर्त सारिणी से संबंधित Detail पोस्ट ! इस पोस्ट में डॉबेराइनर का त्रिक सिद्धांत, न्यूलैंड्स का अष्टक नियम, मेन्डेलीफ का आवर्त नियम, आधुनिक आवर्त सारिणी से सम्बन्धित विस्तार से बताया गया है ! आप एक बार इस पूरी पोस्ट को पढ़ें ताकि आपको इसका फायदा मिल सके !
Periodic table | आवर्त सारिणी
डॉबेराइनर का त्रिक सिद्धांत
• डॉबेराइनर एक जर्मन रसायनज्ञ थे जिन्होंने 1817 में तत्वों का सिद्धांत दिया था !
• इन्होंने समान गुणधर्मों वाले तत्वों को समूहों में व्यवस्थित करने का प्रयास किया !
• डॉबेराइनर ने तीन-तीन तत्वों वाले कुछ समूहों को चुना एवं उनको इन्होंने त्रिक नाम दिया !
• डॉबेराइनर ने बताया की कैल्शियम, स्ट्रांशियम व बेरियम इन तीनों के गुण मिलते जुलते हैं ! उन्होंने बताया कि स्ट्रांशियम का परमाणु भार, कैल्शियम एवं बेरियम के परमाणु भारों के औसत भार के लगभग बराबर है !
उदाहरण 1. – कैल्शियम का परमाणु भार 40 है, स्ट्रांशियम का परमाणु भार 87.6 एवं बेरियम का परमाणु भार 137. 3 है तो कैल्शियम व बेरियम के परमाणु भारों का योग 177.3 हुआ ! इन दोनों का औसत (177 / 2) 88.5 लगभग है जो स्ट्रांशियम के परमाणु भार के लगभग बराबर है !
उदाहरण 2. – ब्रोमीन का परमाणु भार, क्लोरीन एवं आयोडीन के परमाणु भारों के औसत भार के लगभग बराबर है ब्रोमीन (80) = क्लोरीन (35.4) + आयोडीन (126.9) / 2 = 81.15 आता है जो ब्रोमीन के परमाणु भार के लगभग बराबर है !
• डॉबेराइनर ने तीन-तीन तत्वों के समूह बनाए !
• इन्होंने बताया कि तत्वों के गुणों और परमाणु भारों में संबंध होता है !
• डॉबेराइनर उस समय तक ज्ञात तत्वों में केवल तीन त्रिक ही ज्ञात कर सके थे इसलिए उनकी ये तत्वों को वर्गीकृत करने की पद्धति सफल नहीं रही !
डॉबेराइनर के तीन त्रिक समूह
समूह 1 | क्लोरीन (Cl) | ब्रोमीन (Br) | आयोडीन (I) |
समूह 2 | कैल्शियम (Ca) | स्ट्रांशियम (Sr) | बेरियम (Ba) |
समूह 3 | लिथियम (Li) | सोडियम (Na) | पौटेशियम (K) |
न्यूलैंड्स का अष्टक सिद्धांत
• जॉन न्यूलैंड्स ने 1866 में अष्टक सिद्धांत दिया था !
• न्यूलैंड्स ने ज्ञात रासायनिक तत्वों को उनके परमाणु भार के अनुसार बढ़ते क्रम में व्यवस्थित किया !
• न्यूलैंड्स ने हाइड्रोजन से आरंभ कर 56 वें तत्व (थॉरियम) तक ही तत्वों को व्यवस्थित किया तो इन्होंने पाया कि प्रत्येक 8 वें तत्व का गुणधर्म पहले तत्व के समान ही गुण रखता है !
• न्यूलैंड्स ने इसकी तुलना संगीत के सा, रे, गा, मा, पा, धा, नि (पाश्चात्य संगीत में लोग इसे डो, रे, मि, फा, सो, ल, टि कहते हैं) से की !
• न्यूलैंड्स के अष्टक में पहला तत्व लिथियम व आठवा तत्व सोडियम के गुणधर्म समान थे !
न्यूलैंड्स के अष्टक का उदाहरण
पहला तत्व | आठवां तत्व |
हाइड्रोजन (H) | फ्लोरीन (F) |
लिथियम (Li) | सोडियम (Na) |
बेरियम (Be) | मैग्नीशियम (Mg) |
बोरॉन (B) | एल्यूमिनियम (Al) |
न्यूलैंड्स के अष्टक की सीमाएं एवं दोष
• न्यूलैंड्स का अष्टक नियम कैल्शियम तत्व तक ही लागू था ! इसके बाद के प्रत्येक आठवें तत्व का गुणधर्म पहले तत्व के गुणधर्म से नहीं मिल पाया !
• न्यूलैंड्स का नियम 56 तत्वों तक ही सीमित था तथा बाद के तत्वों पर यह लागू नहीं हो पाया !
• अज्ञात तत्वों के लिए इस वर्गीकरण में कोई स्थान नहीं रखा गया !
• अधिक परमाणु द्रव्यमान वाले तत्वों पर यह नियम लागू नहीं था !
• कई समान गुणधर्म वाले तत्व एक साथ रखे गए थे !
• नोबेल गैसों की खोज के बाद न्यूलैंड्स के अष्टक नियम का कोई महत्व नहीं रहा !
मेन्डेलीफ का आवर्त नियम
• डमित्री इवानोविच मेन्डेलीफ एक रूसी रसायनज्ञ थे !
• मेन्डेलीफ को आवर्त सारिणी के जनक के रूप में जाना जाता है !
• मेंडेलीफ ने 1869 में तत्वों के भौतिक, रासायनिक गुणों तथा परमाणु भार के संबंध में एक नियम दिया जिसे ‘मेंडेलीफ का आवर्त नियम’ कहा जाता है !
• तत्वों के वर्गीकरण एवं आवर्त सारिणी के प्रारम्भिक विकास का प्रमुख श्रेय मेन्डेलीफ को ही जाता है !
• मेंडेलीफ ने तत्वों के वर्गीकरण का आधार परमाणु द्रव्यमान को माना था !
• मेंडेलीफ ने ही आवर्त सरिणी बनाई एवं तत्वों को आवर्त सारिणी में पंक्तियाँ एवं स्तंभों में व्यवस्थित किया !
• आवर्त सारिणी में 7 आवर्त (क्षैतिज स्तम्भ) एवं 8 समूह या वर्ग (ऊर्ध्वाधर पंक्तियाँ) थे !
• मेन्डेलीफ ने समान गुणों वाले तत्वों को आवर्त सारिणी के एक ही आवर्त में रखा था !
• जो तत्व ज्ञात नहीं थे उनके लिए आवर्त सारिणी में रिक्त स्थान रखा गया था एवं मेन्डेलीफ ने बताया कि आने वाले तत्वों के गुण वैसे ही होंगें !
• मेंडेलीफ की आवर्त सारिणी का सिद्धांत – ‘तत्वों के गुणधर्म उनके परमाणु द्रव्यमान का आवर्त फलन होते हैं’
मेन्डेलीफ के आवर्त से लाभ
• तत्वों का अध्ययन करना सरल हो गया !
• अन्य तत्वों की खोज के लिए बढ़ावा मिला जिससे आवर्त सारिणी में छोड़े गए रिक्त स्थान के लिए अन्य तत्वों की खोज में वैज्ञानिकों को सहायता मिली !
मेन्डेलीफ आवर्त के दोष एवं सीमाएं
• मेन्डेलीफ समस्थानिकों एवं समभारिक के लिए आवर्त सारिणी में स्थान नहीं दे पाए थे !
• आवर्त सारिणी में हाइड्रोजन का निश्चित कोई स्थान नहीं था !
• आवर्त सारिणी में कई जगह तत्वों के परमाणु भार का क्रम सही नहीं था !
• अक्रिय गैसों के लिए आवर्त सारिणी में कोई स्थान नहीं था !
• लैन्थेनाइड एवं ऐक्टिनाइड तत्वों का आवर्त सारिणी में स्थान न होना !
समस्थानिक क्या है – वे तत्व जिनकी परमाणु संख्या समान हो एवं लेकिन द्रव्यमान संख्या अलग -अलग हो समस्थानिक कहलाते हैं !
समभारिक क्या है – जिन तत्वों में परमाणु भार समान एवं परमाणु संख्या अलग-अलग हो समभारिक कहलाते हैं !
आधुनिक आवर्त सारिणी
• आधुनिक आवर्त सारिणी के बारे में हेनरी मोजले ने 1913 में बताया था !
• हेनरी मोजले को आधुनिक आवर्त सारिणी का जनक माना जाता है !
• मोजले ने बताया कि परमाणु द्रव्यमान की तुलना में उसकी परमाणु संख्या अधिक आधारभूत गुणधर्म है !
• मोजले की आधुनिक आवर्त सारिणी परमाणु संख्या के आधार पर है !
• परमाणु संख्या से हमें परमाणु के नाभिक में स्थित प्रोटॉन की संख्या का पता चलता है !
• आधुनिक आवर्त सारिणी का सिद्धांत – ‘तत्वों के गुणधर्म उनकी परमाणु संख्या का आवर्त फलन होते हैं’
• आधुनिक आवर्त सारिणी में 18 ऊर्ध्व स्तम्भ है जिन्हे समूह कहा जाता है एवं 7 क्षैतिज पंक्तियाँ हैं जिन्हें आवर्त कहा जाता है !
• आधुनिक आवर्त सारिणी में सभी तत्वों को परमाणु क्रमांक के बढ़ते क्रम में रखा गया है !
• आधुनिक आवर्त सारिणी में एक ही समूह के सभी तत्वों के संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या समान हैं !
संयोजी इलेक्ट्रॉन क्या है – किसी भी तत्व के बाह्यतम (बाहरी) कोश या कक्ष में इलेक्ट्रॉन की संख्या को ही संयोजी इलेक्ट्रॉन कहा जाता है !
संयोजकता क्या है – तत्वों के परमाणुओं के परस्पर संयोजन करने की क्षमता को ही संयोजकता कहा जाता है !
आवर्त सारिणी से संबंधित अन्य तथ्य
• आवर्त सारिणी में बाएं से दायीं ओर जाने पर परमाणु संख्या में वृद्धि होती है !
• आवर्त सारिणी में बाएं से दायीं ओर जाने पर परमाणु त्रिज्या घटती है !
• सारिणी में समूह में ऊपर से नीचे जाने पर परमाणु का आकार बढ़ता है !
• आधुनिक आवर्त सारिणी में धातुओं को अधातुओं से जिग-जेग लाइन द्वारा अलग किया गया है एवं इस लाइन पर आने वाले तत्व बोरॉन, सिलिकन, जर्मेनियम, आर्सेनिक, एन्टिमनी, टेल्यूरियम एवं पोलोनियम ये सभी अर्द्धधातु या उपधातु कहलाती हैं !
• आधुनिक आवर्त सारिणी के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय आवर्त में तत्वों की संख्या क्रमश: कितनी हैं ?
Ans – 2, 8, 8
• आधुनिक आवर्त सारिणी के चौथे, पाँचवें, छठे व सातवें आवर्त में तत्वों की संख्या कितनी हैं ?
Ans – सभी में 18
• आधुनिक आवर्त सारिणी में लैन्थेनाइड एवं एक्टिनाइड तत्वों की संख्या क्रमश: कितनी हैं ?
Ans – दोनों में 14