Newton’s law of motion | न्यूटन के गति के नियम

Newton’s law of motion | न्यूटन के गति के नियम 

newtons law of motion in hindi
                           Newtons law of motion in hindi

न्यूटन के गति के नियम (Newton’s law of motion) ! इस पोस्ट में भौतिक विज्ञान का बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक न्यूटन के गति के नियम से संबन्धित सभी तथ्य एवं प्रश्नोतर को उदाहरण के साथ बहुत ही आसान भाषा में बताया गया है !
गति के नियम से संबन्धित ये पोस्ट हर प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अति महत्वपूर्ण है ! आप एक बार इन सभी प्रश्नोत्तरों को ध्यानपूर्वक पढ़ें ! आशा करता हूँ आपको इस पोस्ट फायदा अवश्य मिलेगा ! 

 

सर आइजैक न्यूटन कहाँ के रहने वाले थे ➪ इंग्लैंड
गुरुत्वाकर्षण एवं गति के नियम दिये थे  न्यूटन ने
न्यूटन की प्रसिद्ध पुस्तक का नाम एवं कब प्रकाशित हुई  फिलोसोफी नेचुरेलिस प्रिंसिपिया मेथेमैटिका (1687) 
न्यूटन ने गति के कितने नियम दिये थे  तीन नियम
किसी कण या पिंड की स्थिति का समय के साथ निरंतर बदलना कहलाता है  गति
वस्तु की गति समान है या असमान यह निर्भर करता है   वेग पर
इकाई समय में तय की गई दूरी कहलाती है  चाल 
इकाई समय में निश्चित दिशा में तय की गई दूरी कहलाती है  वेग
किसी वस्तु द्वारा निश्चित दिशा में स्थान परिवर्तन कहलाता है  विस्थापन
विस्थापन एवं दूरी कब समान होंगे  जब कण की गति एक दिशा में हो 
 

गति का प्रथम नियम

यदि कोई वस्तु स्थिर या गतिशील है तो वह तब तक उसी अवस्था में रहेगी जब तक उस पर कोई बाह्य असंतुलित बल आरोपित नहीं किया जाये’
 
गति के प्रथम नियम को कहा जाता है  जड़त्व का नियम 
गैलीलियो का नियम भी कहा जाता है  गति के प्रथम नियम को
गैलीलियो गैलिली कहाँ के रहने वाले थे  इटली के
‘द लिटिल बैलेंस’ पुस्तक किसने व कब लिखी  गैलीलियो गैलिली (1586)
बल की परिभाषा प्राप्त होती है ➪ गति के द्वितीय नियम से 
किसी भी वस्तु का वह वह प्राकृतिक गुण जो विराम या गति की अवस्था में परिवर्तन का विरोध करता है  जड़त्व 
किसी भी वस्तु का अगर कोई द्रव्यमान है तो उस वस्तु का वही जड़त्व होगा अर्थात किसी वस्तु का जड़त्व  निर्भर है ➪ वस्तु के द्रव्यमान पर 
 
जड़त्व के प्रकार हैं ➪ तीन

1. विराम जड़त्व

स्वयं वस्तु गति प्रारम्भ नहीं कर सकती !
उदाहरण ➪ पानी से भरे गिलास को पतले कागज सीट पर रखने के बाद जब कागज को अचानक अपनी ओर खीचते हैं तो पानी से भरा गिलास विराम जड़त्व के कारण उसी जगह पर रहेगा !

2. गति का जड़त्व

एक समान गति करती वस्तु न तो अपने आप त्वरित होती हैं ना ही उसमें मंदन होता है !
उदाहरण ➪ हम बस में खड़े हैं और बस अपनी दिशा में चल रही है ! जब ड्राइवर अचानक से ब्रेक लगाता है तो हमारे पैर बस के संपर्क में होने से वहीं रहना चाहेंगे जबकि ऊपर का शरीर संपर्क में न होने के कारण वो आगे की ओर गति में रहना चाहता है !

2. दिशा का जड़त्व

वस्तु स्वयं से अपनी दिशा में परिवर्तन नही कर सकती है !
उदाहरण  जब हम पत्थर को किसी रस्सी से बांधकर वृताकार पथ में घुमाने के बाद उसे छोडते हैं तो वह वृताकार पथ में न घूमकर जहां से छोड़ा है उसी दिशा में अर्थात वृत की स्पर्श रेखा में सीधा चला जाएगा 
 

गति का द्वितीय नियम

‘वस्तु के संवेग में परिवर्तन की दर उस पर लगाए गए बल के अनुक्रमानुपाती तथा संवेग परिवर्तन आरोपित बल की दिशा में ही होता है’

गति के दूसरे नियम से हमें प्राप्त होता है  बल का मान
गति के दूसरे नियम को कहा जाता है  संवेग का नियम
वस्तु के द्रव्यमान व वेग के गुणनफल को कहा जाता है  संवेग
संवेग (p) = द्रव्यमान (m) x वेग (v)
संवेग का SI मात्रक होता है  किग्रा मीटर प्रति सेकंड (kgm/s)
संवेग की विमा है  MLT^-1
संवेग का CGS मात्रक है  ग्राम सेमी / सेकंड
जिस वस्तु का वेग ज्यादा होता है उसमें ➪ गति की मात्रा ज्यादा होगी 
जिस वस्तु का द्रव्यमान ज्यादा होगा उसमें ➪ गति की मात्रा ज्यादा होगी
स्वतंत्र रूप से गिर रही वस्तु की गति होती है  एक समान त्वरित गति 

उदाहरण 1. एक कार 10 kmph से तथा दूसरी कार 20 kmph से चल रही है तो इसमें कौनसी कार को रोकने के लिए ज्यादा बल लगाना पड़ेगा  20 kmph से गति कर रही कार को (क्योंकि इसका वेग ज्यादा है) 
उदाहरण 2. एक कार 10 kmph से व एक ट्रक वो भी 10 kmph से ही चल रहा है तो इसमे किसको रोकने के लिए ज्यादा बल लगाना पड़ेगा  ट्रक को रोकने के लिए (क्योंकि इसका द्रव्यमान ज्यादा है)

उदाहरण 3. क्रिकेट खिलाड़ी जब गेंद को कैच करते हैं तो वो हाथ को पीछे की और खीचते हैं क्योंकि ऐसा करने से समयान्तर बढ़ जाता है अर्थात समय के बढ़ने से बल का मान कम हो जाता है जिससे चोट कम लगती है !

उदाहरण 4. पानी एवं रेत पर कूदने से लगने वाले बल का मान घट जाता है एवं संपर्क समय बढ़ जाता है इसलिए सीधे धरती से टकराकर चोट लगने का खतरा कम हो जाता है !

बल क्या है

वह बाह्य कारक या प्रभाव जो विराम अवस्था में रखी वस्तु में गति उत्पन्न कर सके, गतिशील वस्तु को विराम अवस्ठा में ला सके, वस्तु की गति की दिशा को परिवर्तित कर सके ! 

बल का सूत्र  द्रव्यमान (m) x त्वरण (a)
बल का SI मात्रक  न्यूटन या किग्रा मीटर प्रति सेकंड स्क्वायर (kgm/s^2)
बल की वीमा  MLT^-2 
बल किस प्रकार की राशि है ➪ सदिश 
बल का CGS मात्रक  डाइन
एक डाइन में न्यूटन होते हैं ➪ 10^5 न्यूटन
1 Kg द्रव्यमान की वस्तु को 1m/s^2 से त्वरित करने के लिए 1 न्यूटन का बल लगाना पड़ता है !
 

रेखीय संवेग संरक्षण का नियम 

‘यदि किसी नियत द्रव्यमान वाले निकाय पर कोई भी बाह्य बल लगे तो उस निकाय का सम्पूर्ण रेखीय संवेग समय के साथ नियत रहता है अर्थात किसी निकाय का रेखीय संवेग का मान सभी कणों के अलग अलग संवेगों के योग के बराबर होता है और रेखीय संवेग के संरक्षण के नियम के अनुसार कुल संवेग का मान नियत होता है’

यदि दो विभिन्न द्रव्यमानों वाली वस्तुओं का संवेग समान है तो वेग अधिक होगा ➪ हल्की वस्तु का
रेखीय संवेग किस प्रकार की राशि है ➪ सदिश

रेखीय संवेग संरक्षण के उदाहरण

1. जब कोई व्यक्ति नाव के किनारे से बाहर की ओर कूदता है तो नाव किनारे से पीछे की ओर खिसकती है !
2. जब किसी बंदूक से गोली चलती है तो गोली आगे की ओर व बंदूक पीछे किन ओर गति करती है अर्थात दोनों का रेखीय संवेग शून्य या नियत रहेगा !
3. रॉकेट का ऊपर की ओर गति करना संवेग संरक्षण के नियम से ही संबन्धित है !
 

गति का तृतीय नियम

‘प्रत्येक क्रिया के समान परंतु विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है ! अर्थात जब एक वस्तु दूसरी वस्तु पर बल लगाती है तो दूसरी वस्तु भी प्रथम वस्तु पर बराबर तथा विपरीत दिशा में बल लगाती है’
 
गति के तृतीय नियम को कहा जाता है  क्रिया-प्रतिक्रिया का नियम  
एक टेबल पर रखी किताब अपने भार के कारण जो बल मेज पर लगा रही है  वो क्रिया है 
न्यूटन के गति के तृतीय नियम के अनुसार मेज भी किताब पर उतना ही बल ऊपर की ओर लगा रही है  जिसे प्रतिक्रिया कहा जाता है
 
उदाहरण   बंदूक से गोली दागने पर आगे की ओर एक बल निरूपित होता है, गोली भी बंदूक पर एकसमान परंतु विपरीत दिशा में बल लगाती है जिससे बंदूक के पीछे की ओर धक्का लगता है ! 
 

गति के तीन समीकरण

वेग एवं समय के बीच संबंध व्यक्त करता है  गति का प्रथम समीकरण (u = u + at)
समय एवं स्थिति के बीच संबंध व्यक्त करता है  गति का दूसरा समीकरण (s = ut + 1/2 at^2)
वेग एवं स्थिति के बीच संबंध स्थापित करता है  गति का तीसरा समीकरण (2 as = v^2 – u^2)

u = वस्तु का प्रारम्भिक वेग, 
v = वस्तु का अंतिम वेग, 
t = समय, a = त्वरण, 
s = दूरी / विस्थापन

जब एक वस्तु वृतीय पथ पर एक समान चाल से चलती है व उसकी गति की दिशा प्रत्येक बिन्दु पर परिवर्तित होती रहती है वह कहलाती है  एक समान वृतीय गति 
BEST OF LUCK 

मैं सुनील सुथार ! मेरी वेबसाइट पर आप सभी का स्वागत है ! इस प्लेटफॉर्म से आपको सामान्य विज्ञान (Biology, Physics, Chemistry & Botany) से संबंधित टॉपिक वाइज स्टडी मैटीरियल प्राप्त होगा जो सभी प्रकार के Competition Exams लिए उपयोगी रहेगा !

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