Vidyut Chumbkiya Tarang | विद्युत चुम्बकीय तरंग

vidyut chumbkiya tarang | विद्युत चुम्बकीय तरंग

 

Vidyut chumbakiya tarang
                             Vidyut chumbakiya tarang

Vidyut Chumbkiya Tarang | विद्युत चुम्बकीय तरंग से संबंधित Detail पोस्ट ! दोस्तों इस पोस्ट में विद्धुत चुंबकीय तरंग से संबंधित जितने भी महत्वपूर्ण facts थे वो उपलब्ध करवाए हैं ! आप इस पोस्ट को एक बार अवश्य पढ़ें ! प्रतियोगी परीक्षा की दृष्टि से आपके लिए ये पोस्ट बेहतर साबित होगी !

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vidyut chumbkiya tarang | विद्युत चुम्बकीय तरंग

ये तरंगें एक दूसरे के लम्बवत तलों में विद्धुत क्षेत्र एवं चुंबकीय क्षेत्र के ज्यावक्रीय दोलनों से बनी होती हैं तथा ये दोलन तरंग संचरण की दिशा के लम्बवत होते हैं !

विद्धुत चुंबकीय तरंगें प्रकाश के वेग से गति करती हैं !
ये तरंगें फोटोन से मिलकर बनी होती हैं !
सभी विद्युत चुंबकीय तरंगे एक ही चाल से चलती है जो प्रकाश की चाल के बराबर होती है !
विद्युत चुंबकीय तरंगों का तरंग धैर्य परिसर 10^-14 मी. से लेकर 10^4 मी. तक होता है !
ये तरंगे उदासीन होती है इनमें आवेश नहीं पाया जाता है !
विद्युत चुम्बकीय तरंगों में ऊर्जा एवं संवेग होता है !
विद्युत चुम्बकीय तरंगों की अवधारणा मैक्सवेल ने दी थी !

तरंग क्या है 

तरंग एक विक्षोभ (Disturbance) है ! जब ऊर्जा का संचरण दोलन, कंपन या उतार चढ़ाव के रूप में होता है और ऊर्जा एक स्थान से दूसरे स्थान तक संचरित हो जाती है इसे ही तरंग कहा जाता है !
इसमें माध्यम के कण वास्तविकता में ऊर्जा की दिशा में गति नहीं करते हैं !

तरंग के गुण 

1. आयाम – किसी दोलन करते हुए कण का साम्य स्थिति से अधीकतम विस्थापन ही उस वस्तु का आयाम कहलाता है ! इसे ‘a’ से प्रदर्शित किया जाता है ! आयाम का SI मात्रक मीटर होगा ! आयाम जितना ज्यादा होगा ध्वनि की प्रबलता उतनी ही अधिक होगी !

2. अनुदैर्ध्य तरंगदैर्ध्य – किन्हीं दो क्रमागत संपीड़नों या दो क्रमागत विरलनों के बीच की दूरी को तरंगदैर्ध्य कहा जाता है !

संपीड़न – इसमें तरंगों के कण एक दूसरे के पास-पास होते हैं ! अर्थात कणों का घनत्व अधिक होता है !
विरलन – इसमें तरंगों के कण फैले हुए होते हैं अर्थात कणों का घनत्व कम होता है !

3. अनुप्रस्थ तरंगदैर्ध्य – किन्हीं दो क्रमांगत शृंग या दो क्रमागत गर्तों के बीच की दूरी को तरंगदैर्ध्य कहा जाता है ! इसे ‘λ’ से प्रदर्शित किया जाता है !

4. आवर्त काल – एक तरंगदैर्ध्य की दूरी को तय करने में लगा समय आवर्तकल कहलाता है !
इसे ‘T’ से प्रदर्शित किया जाता है !

5. आवृति – तरंग संचरण के समय माध्यम के किसी कण द्वारा एक सेकंड में किए गए कम्पनों की संख्या ही उस तरंग की आवृति कहलाती है ! इसे ‘n’ से प्रदर्शित किया जाता है ! आवृति का मात्रक – कम्पन प्रति सेकंड है !

6. वेग – इकाई समय में तरंग द्वारा तय की गई दूरी को तरंग वेग कहा जाता है ! इसका मात्रक मीटर प्रति सेकंड है !

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तरंगें मुख्यत: दो प्रकार की होती हैं जो निम्न हैं –
1. यांत्रिक तरंगें
2.अयांत्रिक तरंगें

यांत्रिक तरंगें 

वे तरंगे जिसे आगे बढ़ने के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है ! इन तरंगों की चाल माध्यम के गुणों पर निर्भर करती है ! जैसे – ध्वनि तरंगे, जल में उत्पन्न तरंगे, भूकंप तरंगे !
यांत्रिक तरंगें दो प्रकार की होती हैं –
1. अनुप्रस्थ तरंगें
2. अनुदैर्ध्य तरंगें

अनुप्रस्थ तरंगे – इस प्रकार की तरंगों में तरंगों की गति की दिशा माध्यम के कणों की दिशा के लंबवत होती है जिसे अनुप्रस्थ तरंगे कहा जाता है !
अनुप्रस्थ तरंगे सिर्फ ठोस में ही उत्पन्न की जा सकती है गैस या तरल माध्यम के अंदर नहीं !

अनुदैर्ध्य तरंगे  – इस प्रकार की तरंगों की गति की दिशा माध्यम के कणों की दिशा के समानांतर होती है !
इन तरंगों को सभी माध्यम में उत्पन्न किया जा सकता है ! जैसे – वायु में उत्पन्न तरंगे एवं ध्वनि तरंगें !

ध्वनि तरंगों का प्रभाव मानव के कान में 1/10 सेकंड तक रहता है !
ध्वनि तरंगे निर्वात में नहीं चल सकती है !
पनडुब्बियों में ध्वनि तरंगों की पहचान करने के लिए सोनार यंत्र का प्रयोग किया जाता है !
ध्वनि तरंगों का वेग भिन्न भिन्न माध्यमों में भिन्न भिन्न होता है जबकि ठोस में ध्वनि का वेग सबसे अधिक होता है !

अयांत्रिक तरंगें

ऐसी तरंगों के संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है इसलिए यह तरंगे निर्वात, अंतरिक्ष सभी माध्यम में में संचरित हो सकती है !
इन तरंगों को विद्युत चुंबकीय तरंगे भी कहा जाता है जैसे प्रकाश तरंगे, रेडियो तरंगे, पराबैंगनी तरंगे, एक्स रे, गामा तरंगे इत्यादि !

प्रमुख विद्धुत चुंबकीय तरंगें  

विद्धुत चुंबकीय तरंगें मुख्य रूप से सात प्रकार की होती हैं जो निम्न प्रकार से हैं  –

गामा किरणें 
एक्स किरणें 
पैराबैंगनी किरणें 
दृश्य तरंगें 
अवरक्त तरंगें 
सूक्ष्म तरंगें 
रेडियो तरंगें 

गामा किरणें (Gamma Rays)

गामा किरणों की खोज हेनरी बैकुरल ने की थी !
गामा किरणों का तरंग दैर्ध्य प्रसार 10^-14 मी. से 10^-10 मी. तक होता है !
गामा किरणों की आवृति 10^20 से 10^18 हर्ट्स तक होती है !
इन किरणों की वेधन क्षमता अधिक होती है इसलिए इनका उपयोग नाभिकीय अभिक्रिया में किया जाता है !
इन किरणों का तरंगदैर्ध्य सबसे कम एवं आवृति सबसे अधिक होती है !

एक्स किरणें (X-Rays)

एक्स किरणों की खोज विलहम काॅनरैड रॉटजन ने की थी !
इन तरंगों का तरंग दैर्ध्य प्रसार 10^-10 मी. से 10^-8 मी. तक होता है !
इन तरंगों की आवृति 10^18 से 10^16 हर्ट्स तक होती है !
इनका उपयोग चिकित्सा एवं औद्योगिक क्षेत्र में किया जाता है !

पैराबैंगनी किरणें (Ultraviolet Rays)

पैराबैंगनी किरणों की खोज रीटर ने की थी !
इन तरंगों का तरंग दैर्ध्य प्रसार 10^-8 मी. से 10^-7 मी. तक होता है !
इन तरंगों की आवृति 10^16 से 10^14 हर्ट्स तक होती है !
इन तरंगों का उपयोग प्रकाश वैधुत प्रभाव को उत्पन्न करने के लिए किया जाता है !

दृश्य तरंगें (Visible Rays)

दृश्य किरणों की खोज आइजैक न्यूटन ने की थी !
इन तरंगों का तरंग दैर्ध्य प्रसार 3.9×10^-7 मी. से 7.8×10^-7 मी. तक होता है !
इन तरंगों की आवृति 10^14 से 10^12 हर्ट्स तक होती है
प्रकाश, दृश्य तरंग का ही उदाहरण है जिसमें हमें वस्तुएं दिखाई देती है !
प्रकाश के तरंग सिद्धांत प्रतिपादन हाइगेन्स ने 1678 में किया था !

अवरक्त तरंगें (Infrared Rays)

अवरक्त किरणों की खोज हरसैल ने की थी !
इन तरंगों का तरंग दैर्ध्य प्रसार 7.8×10^-7 मी. से  10^-3 मी. तक होता है !
इन तरंगों की आवृति 10^12 से 10^10 हर्ट्स तक होती है !
ये ऊष्मीय विकिरण किरणें है ये वस्तुओं का ताप बढ़ा देती है !

सूक्ष्म तरंगें (Short Waves)

इन्हें हर्टजियन तरंगे भी कहा जाता है !
इन तरंगों की खोज हेनरिक हर्ट्स ने की थी !
इन तरंगों का तरंग दैर्ध्य प्रसार 10^-3 मी. से  1 मी. तक होता है !
इन तरंगों की आवृति 10^10 से 10^8 हर्ट्स तक होती है
10^-3 मी. से लेकर 10^-2 मी. तक की तरंगे सूक्ष्म तरंगे कहलाती है !
इनका उपयोग रेडियो, टेलीविजन और टेलीफोन में किया जाता है !
रडार की कार्य प्रणाली रेडियो तरंगों के परावर्तन के सिद्धांत पर आधारित है !

रेडियो तरंगें (Radio Waves)

इनकी खोज मारकोनी ने की थी !
 इन तरंगों का तरंग दैर्ध्य प्रसार 1 मी. से  10^4 मी. तक होता है !
इन तरंगों की आवृति 10^6 से 10^4 हर्ट्स तक होती है

– ऐसी किरणें जो विद्धुत चुंबकीय तरंगें नहीं हैं निम्न हैं –

अल्फा किरणें
बीटा किरणें
कैथोड किरणें
कैनाल किरणें
ध्वनि तरंग
पराश्रव्य तरंगे

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मैं सुनील सुथार ! मेरी वेबसाइट पर आप सभी का स्वागत है ! इस प्लेटफॉर्म से आपको सामान्य विज्ञान (Biology, Physics, Chemistry & Botany) से संबंधित टॉपिक वाइज स्टडी मैटीरियल प्राप्त होगा जो सभी प्रकार के Competition Exams लिए उपयोगी रहेगा !

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